भारत के 3.7 बिलियन डॉलर के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में बड़ा बदलाव, नया ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 ले सकता है दिशा
भारत का तेजी से बढ़ता डिजिटल एंटरटेनमेंट सेक्टर, जिसकी वर्तमान वैल्यू $3.7 बिलियन है और जो 2029 तक $9.1 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, अब एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी है, जिसमें पैसे आधारित ऑनलाइन गेम्स पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाने की योजना है, जिससे देश की गेमिंग इंडस्ट्री का स्वरूप बदल सकता है।
बिल में क्या है खास?
यह बिल अवैध जुआ और धोखाधड़ी को रोकने के लिए लाया गया है। इसमें सभी पैसे आधारित ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, चाहे वे स्किल पर आधारित हों या चांस पर। ऐसे प्लेटफॉर्म के विज्ञापन भी प्रतिबंधित होंगे और बैंक तथा वित्तीय संस्थान उनके लेनदेन को प्रोसेस नहीं करेंगे। उल्लंघन पर तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
ड्रीम11, गेम्स24×7, विन्जो, गेम्सक्राफ्ट, 99गेम्स, खेलोफैंटेसी और माई11सर्कल जैसे बड़े नाम इससे सीधे प्रभावित होंगे।
रियल-मनी गेमिंग (RMG) पर प्रभाव
भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर मुख्य रूप से रियल-मनी गेमिंग पर निर्भर है, जो उद्योग की कुल आय का लगभग 86% हिस्सा है। इस प्रतिबंध से इस आय का स्रोत समाप्त हो सकता है, जिससे सेक्टर संकट में पड़ सकता है।
इस उद्योग का अनुमानित मूल्यांकन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, सालाना राजस्व लगभग 31,000 करोड़ रुपये है, और करीब 20,000 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरकार को मिलते हैं। यह उद्योग 20% CAGR की दर से बढ़ रहा था और 2028 तक दोगुना होने की उम्मीद थी, जिसे अब खतरा है।
बिल का समर्थन करने वाले
ईस्पोर्ट्स के पेशेवरों ने इस बिल का स्वागत किया है, इसे गेमिंग और जुआ के बीच जरूरी विभाजन करार दिया है। S8UL के को-फाउंडर, अनिमेश ‘थग’ अग्रवाल का कहना है कि यह बिल ईस्पोर्ट्स के पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करेगा और इसे संरचित विकास के लिए संभावनाएं देगा।
NODWIN गेमिंग के को-फाउंडर अक्षत राठी ने स्पष्ट शब्दों में बिल में उपयोग किए गए टर्मिनोलॉजी को परिभाषित करने की जरूरत पर ज़ोर दिया है ताकि उद्योग का सही विकास हो सके।
विरोध और चिंताएं
दूसरी ओर, ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने बिल का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि स्किल आधारित रियल-मनी गेम्स पर भी प्रतिबंध लगाना नौकरी पैदा करने वाले इस क्षेत्र के लिए घातक होगा। उन्होंने प्रगतिशील नियमन की वकालत की है, ना कि पूर्ण प्रतिबंध की।
AIGF ने लाखों उद्यमियों, डेवलपर्स और पेशेवरों के रोजगार को खतरे में डालने वाली इस बिल के खिलाफ गहरी चिंता जताई है।
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के पारित होने से भारत के डिजिटल एंटरटेनमेंट क्षेत्र में बड़े परिवर्तन आएंगे। जहां यह ईस्पोर्ट्स को पहचान और संरचना देगा, वहीं रियल-मनी गेमिंग सेक्टर को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले सप्ताह यह तय करेंगे कि यह उद्योग नियमन के जरिए विकास करेगा या प्रतिबंधों के कारण कमजोर पड़ेगा।