शराब का प्रभाव किस पर नहीं पड़ता!
शराब का प्रभाव किस पर नहीं पड़ता!
“जानिए शराब का प्रभाव : किन पर नहीं पड़ता और इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण।
इस महत्वपूर्ण जानकारी से अपनी सेहत के लिए सही निर्णय लें।”
इंसानों के लिए शराब कुछ अलग तरह का पेय पदार्थ है. यह उनके दिमाग पर खासा असर करता है.
इंसानों के लिए अलावा कई जानवरों पर भी ऐसा असर देखने को मिलता है, जिसमें बंदर के बारे में तो सभी जानते हैं.
पर क्या ऐसा भी कोई जानवर या जीव है जिसके दिमाग पर शराब का बिलकुल भी असर नहीं होता?
एक रिसर्च में साइंटिस्ट्स ने ऐसा ही एक जीव खोज निकाला है. उनका दावा है कि इस जीव पर शराब का बिलकुल
भी असर नहीं होता यानि ये कितनी भी शराब पी ले इसे नशा कतई नहीं होता. यह जीव ततैया की एक प्रजाति है
जो कुदरती तौर पर एल्कोहल ही पीते हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह का नशा या हैंगओवर कभी नहीं होता.
इथेनॉल के सेवन के बावजूदस्टडी में ओरिएंटल हॉर्नेट (वेस्पा ओरिएंटलिस) ततैया एकमात्र ऐसा जानवर बताया गया है
जिसके बारे में हम जानते हैं कि वह शराब से नशे में नहीं आ सकता. ततैया स्वाभाविक रूप से इथेनॉल
(शराब में मौजूद वह तत्व जो आपको नशे में डाल देता है) का सेवन अपने आहार के हिस्से के रूप में करते हैं
जिसमें फूलों का रस और फल शामिल होते हैं.कैसे किया प्रयोग?इज़राइल में तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ततैयों
पर इथेनॉल के प्रभावों का परीक्षण करने के लिए वी. ओरिएंटलिस को एक मॉडल जानवर के रूप में इस्तेमाल किया.
कीटों को 80 फीसदी इथेनॉल वाले सुक्रोज घोल को पिलाने के बाद, शोधकर्ताओं ने ततैयों के जीवनकाल या व्यवहार पर
कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा. ओरिएंटल हॉर्नेट्स ततैया खुद अपने भोजन में अल्कोहल का सेवन करता है.
शराब का प्रभाव किस पर नहीं पड़ता!
(प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)कैसे जाना अल्कोहल का असर?कार्बन आइसोटोप के साथ अल्कोहल को
जोड़ने से टीम को उनके शरीर के अंदर के पदार्थों में होने वाले बदलवों को जानने का मौका मिला. प्राणी विज्ञानी सोफिया बुचेबती कहती हैं,
“जैसे-जैसे अल्कोहल मेटाबोलाइज होता है, यह कार्बन डाइऑक्साइड में टूट जाता है, जो बाहर निकल जाता है.
बाहर निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को मापकर, हम यह अनुमान लगा सके कि अल्कोहल किस गति से टूटा था.
”शराब का असर होने से पहले हीPNAS में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि ततैयों के मेटाबॉलिज्म ने अल्कोहल
को दोगुनी तेज़ी से निपटाया. इससे पहले कि उनमें इंसानों की तरह गटर में लड़खड़ाने, खुद पर उल्टी करने या तड़के किसी
पूर्व साथी को फोन करने के समान कीड़ों के स्तर की कोई गतिविधि या या लक्षण दिखने का मौका मिलता!
मेटाबॉलिज्म ने यह अल्कोहल ही तोड़ डाला. साइंटिस्ट्स ये जानना चाह रहे थे कि आखिर इंसानों की तरह अल्कोहल का
असरइस ततैया पर क्यों नहीं होता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)क्या हो सकती है वजह?शोधकर्ताओं का मानना है
कि ऐसा ओरिएंटल हॉर्नेट्स में अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (NADP+) जीन की कई प्रतियां होने के कारण हो सकता है!