Sanjay Passi: पास्को ग्रुप के चेयरमैन और 2,690 करोड़ के कारोबार की प्रेरक कहानी
Sanjay Passi: पास्को ग्रुप के चेयरमैन और 2,690 करोड़ के कारोबार की प्रेरक कहानी
Sanjay Passi: जानिए संजय पासी की सफलता की कहानी-कैसे दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर टाटा मोटर्स की डीलरशिप से शुरुआत की और पास्को ग्रुप को 2,690 करोड़ रुपये के कारोबार में बदल दिया। पढ़ें उनके बिजनेस, परिवार और उपलब्धियों के बारे में।
Sanjay Passi: साधारण शुरुआत से 2,690 करोड़ की कंपनी के मालिक बनने तक का सफर

संजय पासी आज दिल्ली के सबसे सफल और चर्चित बिजनेसमैन में गिने जाते हैं। उनका नाम हाल ही में तब ज्यादा चर्चा में आया जब उनकी पत्नी शालिनी पासी ने नेटफ्लिक्स के शो ‘Fabulous Lives vs Bollywood Wives’ में डेब्यू किया। लेकिन संजय पासी की अपनी कहानी भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आइए जानते हैं, कैसे एक साधारण परिवार से आने वाले संजय पासी ने अपने मेहनत और दूरदर्शिता से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम हासिल किया।
शुरुआत और शिक्षा
- संजय पासी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था।
- उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री ली।
- पढ़ाई पूरी करते ही उन्होंने अपने पारिवारिक बिजनेस में कदम रखा और 1989 में चंडीगढ़ में टाटा मोटर्स की डीलरशिप संभाली।
बिजनेस का विस्तार
- पास्को ग्रुप की स्थापना 1967 में हुई थी, लेकिन संजय के नेतृत्व में कंपनी ने नई ऊंचाइयां छुईं।
- उन्होंने अपने पिता के ऑटोमोबाइल बिजनेस को सिर्फ पैसेंजर व्हीकल्स तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कमर्शियल व्हीकल्स और JCB जैसी बड़ी कंपनियों की डीलरशिप भी शुरू की।
- आज पास्को ग्रुप टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और JCB जैसे ब्रांड्स का अधिकृत डीलर है, और उत्तर भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुका है।
कंपनी और नेट वर्थ
- पास्को ग्रुप का 2021-22 में टर्नओवर करीब 2,690 करोड़ रुपये रहा।
- हालांकि संजय पासी की व्यक्तिगत नेट वर्थ सार्वजनिक नहीं है, लेकिन उनकी कंपनी की वैल्यू से उनकी सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पर्सनल लाइफ और समाजसेवा
- संजय पासी की पत्नी का नाम शालिनी पासी है, जो खुद भी सोशल मीडिया और फैशन की दुनिया में एक्टिव हैं।
- उनका एक बेटा है, रॉबिन पासी।
- 2021 में संजय और शालिनी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को 10 करोड़ रुपये का दान देकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
खास बातें
संजय पासी मीडिया की चकाचौंध से दूर रहना पसंद करते हैं
और सादगी से जीवन जीते हैं।
उन्हें 2007 से 2014 तक लातविया गणराज्य का
नई दिल्ली में मानद कांसुल जनरल भी नियुक्त किया गया था।
उनका मानना है कि “परिश्रम ही सफलता की चाबी है”
और इसी सोच के साथ उन्होंने अपने बिजनेस को लगातार आगे बढ़ाया है।
निष्कर्ष:
संजय पासी की कहानी बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत में कोई कमी न हो,
तो साधारण परिवार से भी कोई व्यक्ति 2,690 करोड़ की कंपनी का मालिक बन सकता है।
उनकी सफलता हर युवा के लिए प्रेरणा है।