राशन कार्ड: भारत में राशन कार्ड (Public Distribution System / PDS) का मुख्य उद्देश्य है कि गरीब एवं वंचित वर्गों को अनाज, चावल, गेहूं, दाल आदि अनिवार्य वस्तुएँ सस्ते दामों पर मिलें। समय-समय पर सरकार नए सुधार एवं शर्तें लाती है, ताकि लाभार्थियों की पहचान बेहतर हो, भ्रष्टाचार कम हो और प्रणाली अधिक पारदर्शी बने। 2025 में ऐसी कई नई घोषणाएँ हुई हैं।
2025 के नए नियम — मुख्य बिंदु
- डिजिटल / स्मार्ट राशन कार्ड
पुराने कागजी राशन कार्डों को धीरे-धीरे डिजिटल या “स्मार्ट” कार्डों से बदलने की योजना है, जिसमें QR कोड, फोटो, बायोमेट्रिक लिंक आदि होंगे।
इस तरह के कार्डों से राशन वितरण अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा।
उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में 1.46 करोड़ परिवारों को स्मार्ट राशन कार्ड दिए जाने की योजना है।
- आधार लिंकिंग और e-KYC अनिवार्यता
राशन कार्ड धारकों को 31 मार्च 2025 तक अपने कार्ड को आधार से लिंक करके e-KYC करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सभी परिवार सदस्यों के आधार लिंक होना चाहिए, अन्यथा राशन वितरण बंद हो सकता है।
इस कदम का उद्देश्य “भ्रष्टाचार, डमी / घोस्ट कार्ड” को खत्म करना है।
- लाभार्थियों की पहचान में बायोमेट्रिक सत्यापन
प्रत्येक फेयर प्राइस शॉप (FPS) पर बायोमेट्रिक या OTP आधारित सत्यापन जरूरी किया जा सकता है।
इससे नकली कार्ड से राशन लेने की संभावना कम होगी।
नए कार्डों पर QR कोड और अन्य डिजिटल पहचान की सुविधा दी जाएगी।
- राशन वितरण की पोर्टेबिलिटी — “One Nation One Ration Card” (ONORC)
केंद्र सरकार “One Nation One Ration Card” योजना पहले से ही लागू कर चुकी है, जिससे लाभार्थी किसी भी राज्य में अपने कार्ड का उपयोग कर सकें।
इस कदम से प्रवासी मजदूरों को अपने मूल राज्य छोड़कर अन्य राज्य में रहने पर भी राशन सुविधा मिल सकेगी।
2025 में इस पोर्टेबिलिटी को और अधिक मजबूत करने की घोषणा की गई है।
- पुराने कार्डों का अपडेट करना
जिन कार्डों को अभी तक डिजिटली अपडेट नहीं किया गया है, उन्हें दिसंबर 2025 तक नए सिस्टम में अपडेट करना अनिवार्य होगा।
यदि समय रहते अपडेट नहीं किया गया, तो राशन वितरण बंद या निलंबित हो सकता है।
- राशन की जगह नकद सहायता (Cash Transfer) की संभावना
मीडिया स्रोतों में यह सुझाव दिया गया है कि 2025 से कुछ घरों को अनाज देने की बजाय नकद ₹1,000 प्रति माह बैंक खाते में ट्रांसफर करने की योजना हो सकती है।
हालांकि, इस प्रस्ताव की आधिकारिक पुष्टि अनेक राज्यों में नहीं हुई है, और यह अभी प्रारंभिक चरण में है।
यदि लागू हुई, तो लाभार्थियों को बजट प्रबंधन में अधिक लचीलापन मिलेगा, लेकिन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती बन सकती है।
- लाभार्थियों की समीक्षा एवं “Give Up” अभियान
राज्य सरकारें अब उन परिवारों को चिन्हित कर रही हैं जो वर्षों से राशन नहीं लेते, या जिनकी आमदनी बहुत अधिक है, उन्हें लाभ से बाहर करना।
लोगों को स्वयं “Give Up” करने का विकल्प दिया जा रहा है ताकि सच में ज़रूरतमंदों को संसाधन मिले।
यह उपाय भ्रष्ट कार्डों और दुर्व्यवस्था को कम करने में मदद करेगा।
पात्रता, दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया
पात्रता (Eligibility)
राशन कार्ड हेतु आमतौर पर वार्षिक या मासिक आय सीमा तय की जाती है, जो राज्यों के अनुसार बदलती है।
परिवार के सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होने चाहिए।
कुछ मामलों में पारिवारिक संपत्ति, वाहन आदि की स्थिति भी जांची जाएगी।
अत्यन्त गरीब और वंचित परिवारों को एंट्योदय (AAY) कार्ड दिए जाते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
पहचान प्रमाण (आधार, वोटर आईडी, पैन कार्ड आदि)
पता प्रमाण (बिजली बिल, पानी का बिल, किराया रसीद या बैंक स्टेटमेंट)
आय प्रमाण / BPL प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
पुराने राशन कार्ड (यदि हो)
अन्य राज्य सरकार द्वारा माँगे जाने वाले दस्तावेज
आवेदन / अद्यतन प्रक्रिया
राज्यों की PDS या खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना।
ऑफलाइन आवेदन भी स्थानीय FPS या कार्यालय में संभव है।
आवेदन के बाद सत्यापन किया जाएगा और यदि स्वीकार किया गया तो नया कार्ड या अपडेटेड कार्ड जारी किया जाएगा।
कार्ड जारी होने पर ई-राशन कार्ड डाउनलोड करना संभव है।
लाभ और चुनौतियाँ
लाभ
अधिक पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी
नकली कार्डों का उन्मूलन
प्रवासी मजदूरों को राशन सुविधा का लाभ
राज्य से राज्य राशन पोर्टेबिलिटी
जरूरतमंदों को सही और समय पर सहायता
चुनौतियाँ
डिजिटल एवं बायोमेट्रिक सिस्टम की लागत और रखरखाव
ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्रों में इंटरनेट या तकनीकी बाधाएँ
आदिवासी व पिछड़े क्षेत्र में पहचान व दस्तावेज का अभाव
नकदी योजना लागू होने पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना
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