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भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रक्रिया, उम्मीदवार, तिथि और पूरी जानकारी

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On: September 9, 2025 9:03 AM
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भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रक्रिया, उम्मीदवार, तिथि और पूरी जानकारी
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भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: पूरी जानकारी

भारत के संवैधानिक पदों में उपराष्ट्रपति का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्ष 2025 में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोजित किया जा रहा है, जो देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की एक मूरत है। इस ब्लॉग में हम इस चुनाव से जुड़ी हर जानकारी, चुनाव की प्रक्रिया, उम्मीदवारों का परिचय, वोटिंग सिस्टम, और चुनाव के इर्वेन्ट को विस्तार से जानेंगे।


उपराष्ट्रपति का पद और उसकी भूमिका

उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 तक उपराष्ट्रपति पद की संवैधानिक व्यवस्था और उसके कर्तव्य निर्धारित हैं। उपराष्ट्रपति सदन के सभापति (Rajya Sabha Chairperson) के रूप में कार्य करते हैं।

  • उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनकी जगह कार्यभार संभालते हैं।
  • वे संसद के दोनों सदनों के सदस्य होते हैं लेकिन चुनाव में किसी राजनीतिक दल के सक्रिय सदस्य नहीं हो सकते।
  • संविधान के अनुरूप वे पाँच वर्ष के लिए नियुक्त होते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का पृष्ठभूमि

2025 के चुनाव का आयोजन अनिश्चितकालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद समय से पहले किया जा रहा है। यह पहला ऐसा अवसर है जब 1987 के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए ‘अर्ली इलेक्शन’ हुआ है।


चुनाव की तारीख और स्थल

चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से निम्नलिखित तिथियां निर्धारित की हैं:

क्र.संख्याघटनातिथिदिन
1चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की सूचना जारी7 अगस्त 2025गुरुवार
2नामांकन करने की अंतिम तिथि21 अगस्त 2025गुरुवार
3नामांकन पत्रों की जांच22 अगस्त 2025शुक्रवार
4नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि25 अगस्त 2025सोमवार
5मतदान की तिथि9 सितंबर 2025मंगलवार
6मतगणना और परिणाम की घोषणा9 सितंबर 2025मंगलवार

मतदान संसद भवन, नई दिल्ली में कक्ष संख्या F-101, वसुधा में किया जाएगा। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा और मतगणना उसी दिन शाम को शुरू होगी।


उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार

इस चुनाव में दो मुख्य उम्मीदवारों का मुकाबला है:

  • एनडीए उम्मीदवार: सी. पी. राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता
  • इंडिया ब्लॉक (विपक्ष) उम्मीदवार: न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी

एनडीए का उम्मीदवार मजबूत बहुमत के साथ चुनावी दौड़ में आगे है, क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा के बहुमत सांसद एनडीए के पक्ष में मतदान करते हैं। विपक्ष ने भी एक एकजुट उम्मीदवार नामांकित किया है, जिसका समर्थन कई क्षेत्रीय दल कर रहे हैं।


चुनाव प्रक्रिया और मतदान पद। (Electoral Process)

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित एवम् नामांकित सदस्यों के संयुक्त मतदाता मंडल द्वारा किया जाता है। राज्य विधानसभाओं के सदस्य इस चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते।

चुनाव रिहायशी गुप्त मतदान पद्धति से होता है और इसके लिए भारत संविधान के अनुच्छेद 68 और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 की व्यवस्था है। वोटिंग में एकल निरंतर रैंकिंग वोटिंग पद्धति (single transferable vote system) का प्रयोग होता है।

मतदान में हर सांसद को वोट का एक समान मूल्य होता है। विजेता वह होता है जिसे वैध मतों का बहुमत प्राप्त होता है।


उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यता

कोई भी उम्मीदवार निम्नलिखित योग्यताएँ पूरी करना चाहिए:

  • भारत का नागरिक होना चाहिए
  • कम से कम 35 वर्ष का होना आवश्यक है
  • राज्यसभा के चुनाव के लिए पात्र होना चाहिए
  • कोई भी ऐसा पद न रखता हो जो आय का ऑफिस ऑफ प्रॉफिट हो wikipedia

चुनाव में राजनीतिक महत्त्व

उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हमेशा बेहद राजनैतिक होता है, क्योंकि पद की संवैधानिक भूमिका संसद के संचालन और राष्ट्रपति पद की रिक्ति में कार्यभार संभालने वाली होती है।

  • वोटिंग में राजनीतिक दल अपने गठबंधनों और लाभ के लिए उम्मीदवारों को समर्थन देते हैं।
  • एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की बहुमत स्थिति उम्मीदवार की विजय की कुंजी होती है।
  • विपक्षी गठबंधन अपनी ताकत को बढ़ाने का प्रयास करता है।

चुनाव के परिणाम और मतगणना

9 सितंबर 2025 को सुबह मतदान के बाद शाम को मतगणना शुरू होगी। निर्वाचन अधिकारी के पर्यवेक्षण में मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।

वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार एनडीए उम्मीदवार के मजबूत जीत की संभावना जताई जा रही है। परिणाम रात को ही सार्वजनिक होंगे।


लोकतंत्र की मजबूती में उपराष्ट्रपति चुनाव की भूमिका

उपराष्ट्रपति चुनाव देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में सरकार और संसद के बीच संतुलन का प्रतीक है।

  • यह चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता का उदाहरण है।
  • संसद के सदस्यों द्वारा चुनाव की भागीदारी लोकतंत्र के प्रति जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता दर्शाती है।

निष्कर्ष

भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 न केवल संवैधानिक प्रक्रिया है, बल्कि देश की राजनीति, लोकतंत्र, और संसद के संचालन के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी, वैज्ञानिक और संविधानिक नियमों के अधीन होती है।

इस चुनाव के परिणाम से आने वाले वर्षों में भारतीय लोकतंत्र को दिशा मिलेगी। सभी नागरिकों को इस प्रक्रिया की जानकारी होना और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करना आवश्यक है।

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