दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, और अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए देशभर में छापेमारी शुरू कर दी है। 1 दिसंबर 2025 को NIA की टीमों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित आठ अलग-अलग लोकेशन्स पर सिमultaneous रेड्स चलाए। इनमें लखनऊ के प्रसिद्ध डॉक्टर शाहीन के आवास पर विशेष फोकस रहा, जहां से दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध ISIS कनेक्शन की अहम सुराग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यह ऑपरेशन न केवल दिल्ली की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास है, बल्कि भारत में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
दिल्ली ब्लास्ट का बैकग्राउंड: क्या हुआ था?
पिछले महीने, दिल्ली के व्यस्त बाजार इलाके में एक शक्तिशाली IED ब्लास्ट हुआ, जिसमें 5 लोग घायल हो गए और भारी तबाही मच गई। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि यह आतंकी हमला था, जो ISIS के भारतीय मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है। NIA को मिले सुरागों से पता चला कि ब्लास्ट के पीछे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश थी, जिसमें ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन और फंडिंग का बड़ा रोल था। दिल्ली पुलिस और NIA की संयुक्त टीम ने CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन्स और सोशल मीडिया ट्रैकिंग से कुछ संदिग्धों की पहचान की, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के लोग शामिल थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला 26/11 जैसे बड़े अटैक की पूर्वसूचना हो सकता है, इसलिए NIA ने तुरंत हाई-लेवल अलर्ट जारी कर दिया।
NIA रेड्स: लखनऊ में डॉ. शाहीन पर फोकस क्यों?
लखनऊ में NIA की टीम सुबह 6 बजे डॉ. शाहीन के घर पहुंची, जो एक प्रमुख प्राइवेट हॉस्पिटल से जुड़े हैं। डॉ. शाहीन पर शक इसलिए हुआ क्योंकि उनके फोन रिकॉर्ड्स में ब्लास्ट से जुड़े संदिग्ध नंबर्स की कॉल्स मिलीं। साथ ही, उनके घर से रिकवर हुए डिजिटल डिवाइसेस में एन्क्रिप्टेड मैसेजेस और ISIS प्रोपेगैंडा मटेरियल की मौजूदगी की आशंका है। रेड के दौरान NIA ने डॉ. शाहीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। उनके घर से दस्तावेज, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन के रिश्तेदारों में से कुछ पहले से ही NIA के रडार पर थे, जो विदेशों से फंड ट्रांसफर के जरिए संदिग्ध एक्टिविटीज में लिप्त पाए गए।
देशभर में 8 जगहों पर छापेमारी: कौन-कौन से लोकेशन्स?
NIA ने एक साथ आठ राज्यों में दबिश दी, जिसमें दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और जयपुर शामिल हैं। इन रेड्स में 20 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें युवा इंजीनियर, स्टूडेंट्स और छोटे बिजनेसमैन शामिल हैं। पटना में एक मदरसे से जुड़े व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन का केंद्र माना जा रहा है। मुंबई में वाटिकन कनेक्शन वाली एक प्रॉपर्टी से हथियारों के पार्ट्स बरामद हुए। हैदराबाद में साइबर फॉरेंसिक टीम ने डार्क वेब एक्सेस के सबूत ढूंढे। कुल मिलाकर, इन रेड्स से 50 से ज्यादा डिवाइसेस और दस्तावेज जब्त हो चुके हैं, जो दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड को ट्रेस करने में मददगार साबित होंगे।
ISIS कनेक्शन और जांच की दिशा
NIA के डायरेक्टर जनरल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह ऑपरेशन ISIS के भारतीय नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण है। हम विदेशी एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं।”
जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल IED को ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स से असेंबल किया गया था
, और फंडिंग सऊदी अरब से आई थी।
डॉ. शाहीन जैसे प्रोफेशनल्स को टारगेट करने की रणनीति से साफ है
कि आतंकी संगठन अब एजुकेटेड क्लास को रेडिकलाइज कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है
कि यह केस 2019 के पुलवामा अटैक की याद दिलाता है,
जहां सोशल मीडिया का बड़ा रोल था।
क्या होगा आगे? सुरक्षा उपाय और प्रभाव
इन रेड्स के बाद दिल्ली और UP में सिक्योरिटी टाइट कर दी गई है।
मेट्रो स्टेशन्स, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर फोर्स तैनात की गई। सरकार ने NIA को और पावर दिए हैं,
ताकि साइबर थ्रेट्स पर नजर रखी जा सके





