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Chhoti Diwali 2025: नरक चतुर्दशी की पूजा, मंत्र, और यम दीपदान का शुभ मुहूर्त

On: October 16, 2025 12:08 PM
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Chhoti Diwali 2025

Chhoti Diwali 2025: दिवाली का त्योहार सिर्फ पटाखों और मिठाइयों का नहीं, बल्कि अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। इस महापर्व के ठीक एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दीवाली,

जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं, अपने आप में एक अलग महत्व रखती है। बचपन से हम सबने सुना है कि इस दिन सुबह-सुबह उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए,

घर की सफाई करनी चाहिए और शाम को यम दीप दान करना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी जड़ें भगवान श्री कृष्ण की नरकासुर पर विजय से जुड़ी हैं? 2025 में यह पर्व 19 अक्टूबर को रविवार को मनाया जाएगा।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से बात करेंगे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पौराणिक कथा और कुछ आसान टिप्स के बारे में, जो आपके इस त्योहार को और भी यादगार बना देंगे। अगर आप पहली बार इसकी पूरी तैयारी कर रहे हैं, तो ये जानकारी आपके बहुत काम आएगी!

Chhoti Diwali 2025
Chhoti Diwali 2025

छोटी दीवाली क्यों मनाई जाती है? इतिहास और परंपराएं

Chhoti Diwali 2025 कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है, जो बड़ी दीवाली से एक रात पहले होती है। इसका नाम ‘छोटी’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह मुख्य दीपावली की छोटी झलक है।

प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार, इस दिन शरीर और आत्मा की शुद्धि की जाती है।

सुबह अभ्यंग स्नान (तेल-उबटन से नहाना) नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, जबकि शाम को जलाए जाने वाले दीप यमराज को प्रसन्न करते हैं। रूप चौदस के नाम से जाना जाता है

क्योंकि इस दिन उबटन लगाने से सौंदर्य बढ़ता है – लेकिन असली सौंदर्य तो आंतरिक शुद्धि का है! गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इसे काली चौदस कहते हैं, जहां हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

यह दिन हमें सिखाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत निश्चित है।

छोटी दीवाली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

2025 में नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी (द्रिक पंचांग के अनुसार)। दिल्ली-एनसीआर के समय के हिसाब से मुख्य मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • अभ्यंग स्नान मुहूर्त: सुबह 5:12 से 6:25 बजे तक। इस दौरान सरसों का तेल, दूध और उबटन (चंदन, हल्दी, बेसन) मिलाकर स्नान करें।
  • यम दीप दान मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में (लगभग शाम 6:00 से 7:30 बजे)। दक्षिण दिशा में चार दीपक जलाएं।
  • पूजा का शुभ समय: रात 7:00 से 9:00 बजे तक, जब ग्रह-नक्षत्र अनुकूल रहते हैं।

ध्यान दें, स्थानीय पंचांग से अपने शहर का मुहूर्त चेक करें क्योंकि तिथि थोड़ी भिन्न हो सकती है।

इस समय की गई पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

पौराणिक महत्व: श्री कृष्ण की नरकासुर पर विजय

छोटी दीवाली की कथा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णन है कि नरकासुर

नामक असुर ने 16,000 कन्याओं को कैद कर रखा था और देवताओं को सताया था।

सत्यभामा के साथ मिलकर श्री कृष्ण ने इस दिन उसका वध किया। इस विजय के उपलक्ष्य में

दीप जलाए गए, जो आज भी परंपरा है।

यमराज से जुड़ी कथा भी महत्वपूर्ण है – राजा विक्रमादित्य ने यम दीप दान कर अमरत्व प्राप्त किया।

कुछ क्षेत्रों में हनुमान जी की पूजा की जाती है क्योंकि वे बुराई नाशक हैं, जबकि लक्ष्मी नारायण की

आरती धन-समृद्धि लाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अधर्म का अंत निश्चित है।

यम दीप दान की विधि: स्टेप बाय स्टेप गाइड

यम दीप दान छोटी दीवाली का मुख्य कर्म है। शाम को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें:

  1. सामग्री तैयार करें: चार दीपक, तिल का तेल, चार फूल, चंदन, अगरबत्ती, फल-मिठाई।
  2. स्थान: घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर दीपक स्थापित करें।
  3. दीप प्रज्वलन: सूर्यास्त के बाद दीपक जलाएं, यमराज को प्रणाम करें और प्रार्थना करें – “यमराज प्रसीद प्रसन्न होकर मुझे और परिवार को रक्षा करें।”
  4. दान: दीपक रात भर जलने दें, सुबह विसर्जन करें।

यह कर्म अकाल मृत्यु से बचाव करता है।

श्री कृष्ण, हनुमान और लक्ष्मी नारायण की पूजा विधि

  • श्री कृष्ण पूजा: पीले वस्त्र पहनकर, पंचामृत से अभिषेक करें। भोग में माखन-मिश्री चढ़ाएं। मंत्र: “ओम नमो भगवते वासुदेवाय।”
  • हनुमान पूजा: लाल चंदन से तिलक, सिंदूर चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
  • लक्ष्मी नारायण पूजा: कमल के फूल, धनिया, कमलगट्टा से सजाएं। आरती के बाद क्षीरann भोग लगाएं।

पूजा के बाद परिवार के साथ प्रसाद वितरण करें।

घरेलू टिप्स और उपाय

  • घर की उत्तर-पूर्व दिशा साफ रखें।
  • उबटन में हल्दी मिलाकर लगाएं – त्वचा चमकदार होगी।
  • गरीबों को दान दें, विशेषकर काले तिल और सरसों का तेल।
  • रात को सोने से पहले दीपक न बुझने दें।

निष्कर्ष: छोटी दीwali से शुरू करें नई शुरुआत

छोटी दीवाली 2025 आपके जीवन में रोशनी और शुभता लाएगी। इन रीति-रिवाजों को अपनाकर

आप न केवल परंपराओं का पालन करेंगे, बल्कि परिवार की एकजुटता भी बढ़ाएंगे। शुभ दीपावली!

अधिक जानकारी के लिए कमेंट करें।

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