21 नवंबर 2025 से लागू हुए चार नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) ने भारत के नौकरी बाजार को नया आयाम दे दिया है। पुराने 29 कानूनों को एकीकृत कर बनाई गईं ये संहिताएं – वेज कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड और OSH कोड – कर्मचारियों के लिए सुरक्षा बढ़ाते हुए कंपनियों को लचीलापन देती हैं। खासकर टर्मिनेशन या रिट्रेंचमेंट के मामले में कर्मचारियों को अब सिर्फ मुआवजा ही नहीं, बल्कि नई स्किल्स सीखने का मौका भी मिलेगा। री-स्किलिंग फंड, फुल एंड फाइनल सेटलमेंट में 2 दिनों की समयसीमा और ओवरटाइम पर दोगुनी मजदूरी जैसे फायदे कर्मचारियों के दर्द को कम करेंगे। आइए जानते हैं न्यू लेबर कोड्स के रिट्रेंचमेंट रूल्स की डिटेल्ड व्याख्या – ये बदलाव आपकी नौकरी की सुरक्षा कैसे मजबूत करेंगे।
रिट्रेंचमेंट क्या है? पुराने vs नए नियमों में अंतर
रिट्रेंचमेंट यानी छंटनी, जब कंपनी आर्थिक कारणों से कर्मचारियों को नौकरी से निकालती है। पुराने इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट 1947 के तहत 100 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी से पहले सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन नए इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020 के लागू होने से यह सीमा बढ़कर 300 कर्मचारियों तक हो गई। यानी छोटी-मध्यम कंपनियां (300 से कम कर्मचारी) अब बिना सरकारी इजाजत के छंटनी कर सकती हैं, जो बिजनेस को आसानी देगा। लेकिन कर्मचारियों के हित में सख्त प्रावधान हैं।
अब छंटनी पर कंपनियों को देना होगा:
- रिट्रेंचमेंट मुआवजा: हर पूरे साल के लिए 15 दिनों की औसत मजदूरी। उदाहरण: 5 साल की सर्विस पर 75 दिनों की सैलरी। यह पुराने नियम जैसा ही है, लेकिन ‘वर्कर’ की परिभाषा विस्तारित हो गई – इसमें मैनुअल, स्किल्ड, टेक्निकल, क्लेरिकल और सुपरवाइजरी (कुछ शर्तों पर) कर्मचारी शामिल हैं। मैनेजरियल स्टाफ बाहर।
री-स्किलिंग फंड: छंटनी के बाद नई स्किल्स सीखने का मौका
नए कोड्स का सबसे बड़ा तोहफा है ‘री-स्किलिंग फंड’। छंटनी पर कंपनियों को हर प्रभावित कर्मचारी के लिए 15 दिनों की आखिरी ड्रॉन सैलरी का योगदान देना अनिवार्य है। यह राशि 45 दिनों के अंदर कर्मचारी के खाते में जमा हो जाएगी। फंड का इस्तेमाल:
- ऑनलाइन/ऑफलाइन ट्रेनिंग कोर्सेज।
- प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन (जैसे IT स्किल्स, डिजिटल मार्केटिंग)।
- अपस्किलिंग या करियर ट्रांजिशन प्रोग्राम्स।
EY की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फंड छंटनी को कम दर्दनाक बनाएगा, क्योंकि कर्मचारी नई नौकरी के लिए
तैयार हो सकेंगे।
उदाहरण: अगर आपकी लास्ट सैलरी 50,000 रुपये है
, तो री-स्किलिंग फंड में 25,000 रुपये (15/30 * 50,000) मिलेंगे, जिससे आप AI या डेटा एनालिटिक्स कोर्स कर सकेंगे।
यह मुआवजे का अतिरिक्त है, न कि हिस्सा।
टर्मिनेशन पर अन्य फायदे: फुल एंड फाइनल सेटलमेंट और ओवरटाइम
टर्मिनेशन (रिजाइन या फायरिंग) पर अब फुल एंड फाइनल सेटलमेंट (FnF) – जिसमें पेंडिंग सैलरी
, लीव एनकैशमेंट, ग्रेच्युटी आदि शामिल – 2 वर्किंग डेज में मिलना जरूरी है।
पहले यह हफ्तों या महीनों लग जाता था। नए वेज कोड के तहत:





