रोजाना कम से कम दो बार ब्रश करना बेहद जरूरी है। सुबह और रात में सोने से पहले ब्रश करें ताकि दाँतों पर जमी प्लाक और बैक्टीरिया को हटाया जा सके।

सिर्फ दाँतों की सफाई ही नहीं, मसूड़ों की देखभाल भी उतनी ही जरूरी है। मसूड़ों की हल्की मालिश करें और उन्हें स्वस्थ बनाए रखें।

फ्लॉसिंग से दाँतों के बीच के हिस्सों से भोजन के कणों और प्लाक को हटाने में मदद मिलती है, जो ब्रश से साफ नहीं हो पाते।

दिन में एक बार माउथवॉश से मुँह का कुल्ला करें ताकि बैक्टीरिया का संक्रमण कम हो सके और मुँह की ताजगी बनी रहे।

अत्यधिक मीठा और एसिडिक खाद्य पदार्थ दाँतों के इनेमल को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे दाँत कमजोर हो जाते हैं।

हर 6 महीने में एक बार डेंटिस्ट के पास जाकर अपने दाँतों की जांच करवाएं ताकि किसी भी समस्या का जल्द निदान हो सके।