शिशु को रोटावायरस से बचा सकते हैं ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद एंटीबॉडी, जरूर करवाएं बच्चे को स्तनपान
शिशु को रोटावायरस से बचा सकते हैं ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद एंटीबॉडी, जरूर करवाएं बच्चे को स्तनपान
रोटावायरस छोटे बच्चों में डायरिया (दस्त) का एक प्रमुख कारण है, जो कभी-कभी गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। लेकिन अगर नवजात शिशु को समय पर स्तनपान कराया जाए, तो माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज़ और पोषक तत्व शिशु को इस संक्रमण से बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडी का महत्व
- प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता: स्तनपान से शिशु की इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) मजबूत होती है, जिससे शरीर संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ पाता है।
- आईजीए एंटीबॉडी: माँ के दूध में विशेष रूप से इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) एंटीबॉडी होती है, जो आंत में रोटावायरस के फैलाव को रोकने में मदद करती है।
- पाचन में सुधार: स्तनपान शिशु के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, जिससे पेट संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
स्तनपान के अन्य लाभ
- शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है।
- एलर्जी और अन्य संक्रमणों का खतरा घटता है।
माँ और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है।
निष्कर्ष
रोटावायरस जैसी बीमारियों से शिशु को बचाने के लिए स्तनपान अत्यंत जरूरी है। इसके साथ ही, अगर संभव हो, तो रोटावायरस वैक्सीन भी लगवानी चाहिए, ताकि संक्रमण का जोखिम और कम हो सके। स्तनपान और टीकाकरण दोनों मिलकर शिशु के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।