सीने में दर्द का कारण बन सकती है एनजाइना, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज का तरीका
सीने में दर्द का कारण बन सकती है एनजाइना, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज का तरीका
Introduction: सीने में दर्द
सीने में दर्द होने को आप नजरअंदाज न करें, यह एंजाइन का संकेत हो सकता है।
इसमें हृदय तक रक्त न पहुंचने से गर्दन और पीठ में दर्द महसूस हो सकता है।
आगे जानते हैं एंजाइना के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

दौड़ने या तेज चलने के दौरान सीने में दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
कुछ मामलों में यह लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
दरअसल, जब कोई बीमारी होती है तो शरीर एक तरह का सिग्नल भेजता है।
यदि रक्त हृदय तक नहीं पहुंचता है,
तो कुछ लोगों को गर्दन, कंधे, पीठ, जबड़े या बाहों में भी समस्या हो सकती है।
यह एनजाइना पेक्टोरिस का संकेत हो सकता है।
इस स्थिति में व्यक्ति को तेज दर्द महसूस होता है, जो मुख्य रूप से छाती या वक्ष क्षेत्र में होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एनजाइना कोई बीमारी नहीं है।
जब कोरोनरी धमनी रोग (सीएचडी) होता है, तो इसके कारण होने वाले सीने के दर्द को एनजाइना कहा जाता है।
इस लेख में डॉ. यशदा स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ असित खन्ना ने बताया कि
एनजाइना पेक्टोरिस क्या है, इसके कारण, लक्षण और उपचार क्या हैं।
एंजाइना के प्रकार – Types Of Angina In Hindi
1) स्थिर एंजाइना (Stable Angina)
2) अस्थिर एंजाइना (Unstable Angina)
3) प्रिंजमेटल एंजाइना (Prinzmetal’s Angina या Variant Angina)
एंजाइना के कारण
एंजाइना का मुख्य कारण हृदय की नसों (धमनियों) में अवरोध होता है,
जिससे हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता।
इसके कारण आगे बताए गए हैं।
1) कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) – यह तब होता है जब धमनियों में प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, फैट, और अन्य पदार्थ) जमा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
2) हृदय की धमनियों का संकुचन – कुछ मामलों में, धमनियों में अचानक संकुचन (contraction) या स्पैज्म हो सकता है, जिससे हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता।
3) हाई ब्लड प्रेशर – लंबे समय तक उच्च रक्तचाप रहना भी हृदय पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे एंजाइना हो सकता है।
डायबिटीज (Diabetes) – मधुमेह भी हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और एंजाइना का खतरा बढ़ा सकता है।
एंजाइना के लक्षण
एंजाइना के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और वे कुछ समय के लिए बने रहते हैं।
1) छाती में दर्द या दबाव: यह दर्द अक्सर बाईं ओर होता है और भारीपन, जलन, या संकुचन की तरह महसूस हो सकता है।
2) सांस संबंधी तकलीफ: सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।
3) थकान: हल्की गतिविधि के बाद भी अत्यधिक थकान होना।
4) शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द: दर्द या असुविधा गर्दन, कंधे, बांह, या पीठ में फैल सकता है।
5) पसीना आना: बिना किसी स्पष्ट कारण के पसीना आना।
6) मतली या उल्टी: कुछ मामलों में पेट की तकलीफ या उल्टी की भावना भी हो सकती है।
एंजाइना का उपचार
एनजाइना का उपचार रोगी के प्रकार,
गंभीरता और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
ऐसे में डॉक्टर मरीज को दवा और सर्जिकल प्रक्रियाओं के अलावा जीवनशैली में
बदलाव करने की सलाह देते हैं।
1) नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin): यह दवा एंजाइना के दर्द को तुरंत राहत देने के लिए प्रयोग की जाती है। यह धमनियों को फैलाकर रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है।
2) बीटा ब्लॉकर्स: यह दवाएं हृदय की धड़कन को धीमा करती हैं और हृदय पर दबाव कम करती हैं।
3) कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स: ये धमनियों के संकुचन को कम करती हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती हैं।
4) एस्पिरिन (Aspirin): यह रक्त को पतला करती है और रक्त के थक्के बनने से रोकने में मदद करती है।
5) एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग: इस प्रक्रिया में ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट लगाया जाता है।
6) बाईपास सर्जरी: यह तब की जाती है जब एंजियोप्लास्टी से समस्या का समाधान नहीं हो पाता। इसमें ब्लॉक धमनियों के आसपास एक नया मार्ग बनाया जाता है ताकि रक्त का प्रवाह सुचारू हो सके।
इसके अलावा डॉक्टर मरीज की जीवनशैली में कई जरूरी बदलाव कर सकते हैं।
मरीजों को धूम्रपान और शराब छोड़ने की सलाह दी जाती है।
साथ ही कहा जाता है कि हर दिन व्यायाम करना और अपने वजन पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
इस समस्या के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।