क्या वाकई रात के समय मेनोपॉज के लक्षण ज्यादा परेशान करते हैं? जानें एक्सपर्ट से
क्या वाकई रात के समय मेनोपॉज के लक्षण ज्यादा परेशान करते हैं? जानें एक्सपर्ट से
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें महिलाओं के मासिक धर्म का अंत होता है। इस दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण शारीरिक और मानसिक लक्षण दिखाई देते हैं, जो कई बार दिन की तुलना में रात में अधिक गंभीर महसूस होते हैं। आइए जानें, आखिर ऐसा क्यों होता है और एक्सपर्ट्स इस स्थिति से निपटने के लिए क्या सुझाव देते हैं।

रात में क्यों बढ़ते हैं मेनोपॉज के लक्षण?
- हार्मोनल असंतुलन:
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिरता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं रह पाता। इसका असर खासतौर पर रात में होता है, जिससे हॉट फ्लैशेस (अचानक शरीर में गर्मी महसूस होना) और रात का पसीना होता है। - नींद से जुड़ी समस्याएं:
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में अनिद्रा (इंसोमनिया) की शिकायत बढ़ जाती है। हॉट फ्लैशेस और बेचैनी के कारण बार-बार नींद टूटती है, जिससे गहरी नींद में जाना मुश्किल हो जाता है। - तनाव और मूड स्विंग्स:
रात में दिमाग शांत होने के समय कई महिलाओं को तनाव, चिंता और मूड स्विंग्स ज्यादा महसूस होते हैं, जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है। - ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म में बदलाव:
हार्मोनल बदलाव का असर मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर लेवल पर भी पड़ता है, जिससे कुछ महिलाएं रात के समय ज्यादा थकान और कमजोरी का अनुभव करती हैं।
लक्षणों से राहत के लिए एक्सपर्ट्स के सुझाव
- रात को हल्का भोजन करें:
सोने से पहले भारी या तैलीय भोजन से परहेज करें, क्योंकि यह हॉट फ्लैशेस को ट्रिगर कर सकता है। - कैफीन और शराब से बचें:
कैफीन और अल्कोहल नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं, इसलिए सोने से कुछ घंटे पहले इनसे दूरी बनाएं। - नियमित व्यायाम करें:
योग और मेडिटेशन जैसे गतिविधियां मानसिक शांति देने के साथ हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करती हैं। - ठंडा वातावरण बनाए रखें:
सोने के कमरे का तापमान थोड़ा ठंडा रखें और हल्के कपड़े पहनें, ताकि हॉट फ्लैशेस से बचा जा सके। - मैग्नीशियम और मेलाटोनिन सप्लीमेंट:
डॉक्टर की सलाह पर मैग्नीशियम या मेलाटोनिन जैसे सप्लीमेंट्स लेने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
निष्कर्ष
रात के समय मेनोपॉज के लक्षणों का बढ़ना आम बात है, लेकिन सही जीवनशैली और हेल्थ टिप्स अपनाकर आप इनसे राहत पा सकती हैं। अगर लक्षण ज्यादा गंभीर हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। सही देखभाल और समझदारी से आप इस दौर को सहजता से पार कर सकती हैं।